January 28, 2010

बिडम्बना

         हम भारतीयों ने २६/११ की एक बरसी भी मना ली और दूसरी मानाने की तरफ अग्रसर भी हैं I मौका-ए-वारदात पर सुबूतों के साथ पकड़ा गया एक मात्र जीवित पाकिस्तानी आतंकवादी जिसके ऊपर मुकदमा चल रहा है I सुबूतों के साथ पकड़े जाने के बाद भी हमारी महान न्यायपालिका को अब जाकर पता चला है की उस आतंकवादी के खिलाफ पुख्ता सुबूत हैभारतीयों के करोड़ो रुपये उस आतंकवादी पर सिर्फ इसलिए खर्च किये गए की यह पता चल सके की वह गुनाहगार है I वह आतंकवादी जो कई भारतीयों के मृत्यु के साथ ही कई अतिथिगणों , जो हमारे महान देश की यात्रा पर आये थे और बदकिस्मती से उनकी आखिरी यात्रा हो गई ,की मृत्यु का भी जिम्मेदार है फिर भी हमारी महान न्यायपालिका ने उस आतंकवादी के खिलाफ सुबूत इक्कठा करने में करोड़ो रुपये खर्चे और साथ ही अनगिनत साँसें भी उस आतंकवादी को उपहार स्वरुप प्रदान की I
          हमारी महान न्यायपालिका को इस बात का एहसास नहीं है की जितनी बार भी हम भारतीय और साथ ही उन विदेशी मेहमानों के परिवारजन इस खौफ़नाक मंजर को याद करते हैं  उतनी बार हमारी आँखें ना चाहते हुए भी नम हो जाती हैं, और इस तरह से हमारी ही महान न्यायपालिका हम भारतीयों की भावनाओं से खेल रही है I ये खेल कब तक चलेगा कुछ पता नहीं I हाँ , अगर हम अपनी लचीली कानून व्यवस्था को देखें तो यह कहना गलत ना होगा कि - शायद इस मुक़दमे से सम्बंधित ख़बरें हमारी अगली पीढ़ी भी सुने और तब तक शायद कुछ और पुख्ता सुबूत भी हमारी महान न्यायपालिका को मिल जाये I

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तेजी से भागते हुए कालचक्र में से आपके कुछ अनमोल पल चुराने के लिए क्षमा चाहता हूँ,
आपके इसी अनमोल पल को संजोकर मैं अपने विचारों और ब्लॉग में निखरता लाऊंगा।
आप सभी स्नेही स्वजन को अकेला कलम की तरफ से हार्दिक धन्यवाद !!

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